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कल कैंसा हो




आज दिनांक २८.११.२३ को प्रदत्त विषय, ' कल कैंसा हो ' पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति

कल कैंसा हो ;
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सच्चाई से, परिश्रम से इन्सां अपने ' कल ' को संवार सकता है,
क़िस्मत ही सब नहीं होती, बिगड़ी हालत संवार सकता है

इन्सान की इच्छा‌ रहती है,सुख भरा जीवन उसका भी रहे,
घर हो एक आलीशान सखे, सुविधाओं से भी पूर्ण रहे।

देश का हर वाशिन्दा निज देश के बारे में सोचे,
न रिश्वत की हो मांग कहीं,नेता गण जनता की सोचें ।

अरि को धूल चटाने वाले सैनिक भी सब खुशहाल रहें,
अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित वो सुरक्षित हों निर्भीक रहें ।

देश- विदेश की नारियों का हम सब प्रचुर सम्मान करें,
नारी शिक्षित हों इस प्रकार कि रक्षा अपनी स्वयं करे।

बच्चे अपने मात -पिता और गुरुजन का भरपूर सम्मान करें,
हिंसक न हो प्रबृति किसी की क्षमा-भाव भी दिल मे रहे।

सुखी और शांन्ति प्रिय जीवन हो सब अपने काम में व्यस्त रहें,
बृक्ष, जन्तु और पशु-पक्षी सब निर्भीक हो कोई भूखा न रहे।

आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़





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4 Comments

बेहतरीन और संदेश देती हुई अभिव्यक्ति

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Reyaan

12-Dec-2023 07:38 PM

Nice

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Gunjan Kamal

08-Dec-2023 07:55 PM

👌👏

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